Differentiate between Vrat and Upvas
व्रत और उपवास में भी कोई भेद है कया-
व्रत–व्रत में भोजन का सेवन किया जा सकता है, यह मान्यता है।
उपवास—उपवास में पूर्ण रूप से निराहार रहना पड़ता है, कोई ढील नहीं है।
सातों वारों के नाम से प्रचलित व्रत—
सोमवार-व्रत—(अखण्डसौभाग्य, सन्तानप्राप्ति और निर्धनता दूर करने के लिए स्त्रियाँ व्रत करती हैं)
मङ्गलवार-व्रत—(वीर्ता, साहसप्राप्ति, शत्रुदमन और भविष्य के कष्ट निवारण के लिये)
बुधवार-व्रत—(तीनों गुण विद्या-बुद्धि-आरोग्यता और शान्ति के लिये)
बृहस्पतिवार/गुरुवार-व्रत—(मान-सम्मान के लिए, धन के लिये)
शुक्रवार-व्रत—(घर में शान्ति, मनोसिद्धि और पुत्र की लम्बी उम्र के लिये)
शनिवार-व्रत—(शनि की शान्ति हेतु, बाधायें दूर करने, ग्रहदशा ठीक करने के लिये)
रविवार-व्रत—(बल एवं मान-सम्मान प्राप्त करने के लिये)