यदि आप हिन्दी भाषा के बारे में जानते हैं तथा इसके अक्षरों को लिख या पढ़ सकते हैं तो आपको ये प्रश्न का उत्तर पता होना चाहिये।
हिंदी लिखें या हिन्दी?
यदि हिन्दी भाषा के व्याकरण को ध्यान में लिया जाये तो कोई भी शब्द त्रुटीपूर्ण नहीं है परन्तु गूढ़ भाषा का ज्ञान रखने वाले ये मानेगे कि हिन्दी स्पैलिङ्ग अधिक ठीक है हिंदी स्पैलिङ्ग के बनाम।
हिन्दी भाषा में अनुस्वार तथा अनुनासिका दो प्रकार की ऐसी ध्वनियाँ हैं जो कि सरलता को ध्यान में ले कर बिन्दू से दर्शाये जाते हैं। परन्तु ऐसा करने से कई प्रकार के शब्दों के मौलिक उच्चारण में बदलाव आ गया है।
उदहारण के रूप में हंस शब्द।
इसका मौलिक उच्चारण ह-म्-स होना चाहिए परन्तु प्रचलन में इसका उच्चारण ह-न्-स हो गया है। ऐसे ही कई और भी शब्द आप प्रतिदिन की भाषा में ढ़ूँढ सकते हैं जो कि बदल गये हैं।
यही एक कारण है मैं ये प्राथमिक्ता देता हूँ कि मैं आधे न को दर्शाने के लिए बिन्दू का प्रयोग ना करूँ।
आप भी इसी प्रकार अपना मन बना सकते हैं। ग़लत कुछ भी नहीं है बस समझने की बात है।
यदि आपका मत कुछ और कहता है तो मुझे उसे जानने तथा सुनने में प्रसन्नता होगी।