- राकेश – “पिता जी आज मेरी गर्लफ्रैंड का बर्थ-डे है उसे क्या दूँ ?”
पिता – “देखने में वह कैसी है ?”
राकेश – “मस्त है।”
पिता – “तो मेरा मोबाइल नम्बर दे दे।” - पति – “काश हमारे लड़की की जगह लड़का हो जाता!”
पत्नी – “छोड़ो जी रहने दो, अगर मैं आपके भरोसे रहती तो लड़की भी न होती।” - पत्नी – “मेरी जान ! अगर मैं माऊँट एवरैस्ट पर चढ़ूँ तो मुझे कया दोगे ?”
पति – “इसमें पूछने की क्या बात है, ‘धक्का’।” - सोनू अमरीका में था और वहाँ की एक इमारत में आग लग गई।
सोनू फायर ब्रिगेड कर्मियों से बोला, “तुम लोगों को नीचे फैंको, मैं कैच करूँगा ।”
पहले तो एक लड़का आया, फिर लड़की, फिर आदमी, फिर औरत।
सोनू ने सबको पकड़ लिया।
एक नीग्रो व्यत्ति आया तो सोनू ने उसको छोड़ दिया और बोला,
“अबे सालो ! जो जल गये हैं उन्हें तो मत फैंको ।” - एक समय दो दोस्त डिनर के लिए एक रेस्तरां में गये।
खाना खाते समय एक ने कह दिया, “यार, आलू के परांठे में आलू तो कहीं नजर नहीं आ रहा।”
दूसरे ने उत्तर दे कर समझाया, “नाम पर ध्यान मत दे मेरे भाई, तुझे कशमीरी पुलाव में कभी कशमीर नजर आया है कया ?” - नलवे ने सुहागरात के समय बाहर खिड़की की ओर एकटक देख रही अपनी नई-नवेली दुल्हन से पूछा, “मेरी प्यारी प्रियतमा! आखिर तुम खिड़की से बाहर इस तरह कब तक झाँकती रहोगी ?
दुल्हन ने कहा, “दरअसल ! मेरी माँ ने मुझे कहा था कि सुहागरात मेरे जीवन की सबसे खूबसूरत रात होगी, इसीलिए मैं इस रात को इसके अन्तिम पहर तक निहारना चाहती हूँ ।”
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