सम्बन्धबोधक अव्यय (Preposition in Hindi)
संज्ञा या सर्वनाम के अन्त लगा हुआ शब्द जो उसका सम्बन्ध वाक्य में प्रयुक्त अन्य शब्दों के साथ कराता हो, उसे सम्बन्धबोधक अव्यय कहा जाता है। जैसे –
पञ्छी डाल पर बैठे हैं।
- हाथी वन में रहता है।
- अध्यापक कक्षा में पढ़ा रहा है।
- पिता जी कुर्सी पर बैठे हैं।
ऊपर के वाक्यों में सम्बन्ध जोड़ने वाले शब्द हैं, पर, में आदि।
सम्बन्धबोधक अव्यय के भेद (Kinds of Preposition)
सम्बन्धबोधक अव्यय निम्नलिखित प्रकार के होते हैं। इनका अर्थ भी इनके नाम से ही पता चल जाता है।
- कालवाचक – के आगे, के पीछे, के बाद, के पहले, से पहले, से पूर्व, के पूर्व, के पश्चात।
- स्थानवाचक – में, पर, के आगे, के पीछे, के पास, के निकट, के ऊपर, के नीचे, के बीच, से दूर, के भीतर।
- दिशावाचक – को, की ओर, की तरफ।
- उद्देश्यवाचक – के हेतु, के निमित्त।
- विरोधवाचक – के विरुध्द, के प्रतिकूल, के विपरीत।
- कारणवाचक – के लिये, के कारण।
- साधनवाचक – से, के द्वारा, के सहारे।
- साहचर्यवाचक – के साथ, के समेत।
- साद्रश्यवाचक – के समान, के योग्य, के अनुरूप, के जैसा, के तुल्य, की तरह, की भाँति, की तुलना में।
- व्यतिरेकवाचक – के अतिरिक्त, के अलावा, के बिना, के सिवाय।
- दूरीवाचक – से, से दूर, से हटकर, से परे।
अधिकतर सम्बन्धबोधक अव्ययों को कारक-चिह्नों के साथ ही प्रयोग किया जाता है। जैसे – मन्दिर के आगे, घर से दूर, बन्दर की तरह।
कुछ सम्बन्धबोधक अव्ययों को कारक-चिह्नों के बिना भी प्रयोग में लाया जाता है। जैसे – दीये तले अँधेरा, पीठ पीछे निन्दा करना आदि।