क्रिया एक विकारी शब्द है। कर्ता के लिङ्ग, वचन और पुरुष के अनुसार उसके रूप में परिवर्तन होता रहता है।
लिङ्ग का प्रभाव – क्रिया का लिङ्ग कर्ता के अनुसार बदलता रहता है। कर्ता पुल्लिङ्ग होने पर क्रिया आकारान्त होती है। कर्ता स्त्रीलिङ्ग होने पर क्रिया ईकारान्त हो जाती है। जैसे –
पुल्लिंग
स्त्रीलिंग
सुरेश स्कूल गया था।
सुमन स्कूल गई थी।
लड़का हुआ।
लड़की हुई।
वचन का प्रभाव – क्रिया का वचन भी कर्ता के वचन के अनुसार बदलता रहता है। यदि संज्ञा एकवचन में है तो क्रिया भी एकवचन में रहती है और यदि संज्ञा बहुवचन में होती है तो क्रिया भी बहुवचन में हो जाती है। जैसे –
एकवचन
बहुवचन
मैं जाता हूँ।
हम जाते हैं।
लड़की रोती है।
लड़कियाँ रोती हैं।
पुरुष का प्रभाव – आकारान्त सकर्मक क्रिया रूप पुरुष के अनुसार नहीं बदलते। जैसे-
उत्तम पुरुष
मध्यम पुरुष
अन्य पुरुष
मैंने गाना गाया।
तुमने गाना गाया।
उसने गाना गाया।
हमने पत्र लिखा।
तुमने पत्र लिखा।
उन्होंने पत्र लिखा।
अन्य क्रिया रूप भी पुरुष के अनुसार बदल जाते हैं। जैसे-
Nukta is a diacritic mark that was introduced in Devanagari and some other Indian scripts to represent sounds not present in the original scripts. It takes the form of a dot placed below a character. उर्दू…