Punctuation marks in Hindi (प्रमुख विराम-चिह्न)
पूर्ण विराम – वाक्य के समाप्त होने पर यह चिह्न लगाया जाता है। इससे वाक्य के पूर्ण होने का बोद्ध होता है। जैसे –
- रवी सो गया है। अब कल सवेरे मिलना।
- सूर्योदय से पूर्व उठना सेहत के लिए लाभकारी है।
अल्प विराम – वाक्य में जहाँ थोड़ा रुकना पड़े जिससे अर्थ स्पष्ट हो जाये। जैसे-
- खेलो, खाओ और मस्ती करो।
- मैने नई पैर, पैंसिल और पुस्तक ख़रीदी है।
अर्ध विराम – जहाँ दो वाक्यों के बीच में भ्राँति की संभावना को मिटाना हो तब इसे प्रयोग किया जाता है। जैसे-
- अपने मन की करो; मुझे दोश नहीं देना।
- मीठा बोलो, सत्य बोलो; मगर झूठ कभी नहीं बोलना।
प्रश्नसूचक चिह्न – वाक्य में प्रश्न किया जाये, तो अन्त में प्रश्नसूचक चिह्न लगाया जाता है। जैसे-
- तुम्हारी बहन कहां है ?
- क्या आपने कभी आगरा देखा है ?
विस्मयादिबोधक चिह्न – वाक्य में जहाँ भी हर्ष, शोक, घृणा और आश्चर्य प्रकट किया जाता है वहाँ पर यह चिह्न प्रयुक्त होता है। जैसे-
- अरे! तुम कक्षा में प्रथम रहे!
- हे राम! इन्हें बचाओ!
उद्धरण चिह्न – किसी कवि, लेखक, पुस्तक, पत्र-पत्रिका आदि के नाम को इकहरे उद्धरण चिह्नों में और किसी के कथन को जयों का त्यों उद्धृत किया जाए तो उसको उद्धरण चिह्नों में रखा जाता है। जैसे –
- पिता जी ने कहा था, “सत्य की हमेशा जीत होती है।”
- मेरा एक लेख ‘भासकर’ पत्रिका मे प्रकाशित हुआ है।
योजक चिह्न – दो शब्दों को जोड़ा जाये तो योजक चिह्न ही प्रयोग किया जाता है। जैसे –
- अच्छा-बुरा, खाना-पीना, राजा-रानी आदि।
विवरण चिह्न – किसी भी वाक्य के पश्चात के विवरण देने के लिए यह चिह्न लगाया जाता है। जैसे-
चिड़िया कहानी की कुछ विशेषतायें नीचे दी गई हैं –
- कहानी सरल भाषा में लिखी गई है।
- चिड़िया के जीवन से मेहनत की प्रेरणा मिलती है।