हिन्दी सीखें–वाक्य (Sentence in Hindi)
जिस शब्द या शब्द-समूह से अर्थ पूर्ण बात समझ आ जाये, उसे वाक्य कहा जाता है। जैसे –
- वह सो रहा है।
- चोरी करना एक बुरी आदत है।
याद रखने योग्य – प्रत्येक वाक्य का क्रिया एक आवश्यक अङ्ग होती है।
वाक्य के दो अङ्ग होते हैं –
- उद्देश्य
- विधेय
उद्देश्य – वाक्य में जिसके विषय में कुछ कहा जाता है या जिसका वर्णन किया जाता है, उसे उद्देश्य कहा जाता है।
विधेय – वाक्य में उद्देश्य के संबन्ध में जो कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहा जाता है।
उद्देश्य | विधेय |
मेरी घड़ी | तेज चल रही है। |
वह | नवमी कक्षा में प्रथम रहा। |
याद रखें – उद्देश्य का हर वाक्य में होना आवश्यक नहीं है। एक शब्द वाले तथा आज्ञार्थक वाक्य में उद्देश्य छिपा रहता है। जैसे –
बैठिये । (उद्देश्य – आप)
यहीं रुको। (उद्देश्य – तुम)
वाक्य के प्रकार – वाक्यों का वर्गीकरण दो आधारों पर किया जा सकता है –
- रचना के आधार पर वाक्य-भेद।
- अर्थ के आधार पर वाक्य-भेद।
रचना के आधार पर वाक्य भेद – इस आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं –
- सरल वाक्य- एक ही क्रिया वाले वाक्य को सरल वाक्य कहा जाता है। जैसे- राम सदा सत्य बोलता है। वह एक अच्छा आदमी है।
- संयु्क्त वाक्य – जो वाक्य एक से अधिक सरल वाक्यों को किसी समुच्चयबोधक अव्यय से जोड़ता हो, उसे संयुक्त वाक्य कहा जाता है। जोड़ने के लिये किन्तु, परन्तु, पर, और, एवं, अथवा, या, नहीं तो, अन्यथा आदि समुच्चयबोधक अव्ययों का प्रयोग किया जाता है। जैसे- इतना समय हो गया किन्तु राम घर नहीं लौटा। तुम कक्षा में ही रहो और अपना काम पूरा करो।
- मिश्र वाक्य- जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य और शेष उसके आश्रित उपवाक्य होते हैं, उसे मिश्र वाक्य कहा जाता है। जैसे- मेरे को पता था कि आप मेरी सहायता अवश्य करेंगे। मेरा भाई देर से आया क्योंकि रेलगाड़ी दो घण्टे देर से आयी थी।