Below is a list of 430 Hindi Muhavre with their meanings in Hindi only. If it is very beneficial for school-going children as well as people who want to learn the Hindi language and its common usage. If you understand the meaning of the phrase well, you can use it to make your conversation or writing effective, as well as novel too.
Though it sounds quite exhaustive there could still be many more such Muhavre in the Hindi language, and if you know any more, please do share with us through the comment section so that our readers could benefit.
Hindi Muhavare With Hindi Meaning | Hindi Muhavare ka Arth | हिन्दी मुहावरे और उनके अर्थ
अँगूठा दिखाना–समय आने पर मना कर देना |
अँधेरे घर का उजाला–इरलौता पुत्र |
अंग-अंग ढीला होना–बहुत थक जाना |
अंग-अंग मुस्काना-अति प्रसन्न महसूस करना |
अंगारे उगलना–क्रोध में कठोर वचन बोल देना |
अंगारे सिर पर मोल लेना–विप्त्ति में आना |
अंगारों पर पैर रखना–जानबूझकर मूसीबत में पड़ना |
अंधे की लाठी–एकमात्र सहारा होना |
अक्ल का दुश्मन–मूर्खता कर देना |
अक्ल चरने जाना–बुद्धिहीनता का काम कर देना |
अक्ल पर पत्थर पड़ना–बुद्धि से काम न लेना |
अगर-मगर करना–बहाना बनाना, टालमटोल कर देना |
अग्नि में घी का काम–गुस्से को बढ़ावा देना या भड़काना |
अनुनय-विनय करना–प्रार्थना करना |
अन्न-जल उठना–स्थान विशेष पर रहने का संयोग न बन पाना |
अपना उल्लू सीधा करना–अपना मतलब निकाल लेना |
अपना राग अलापना–अपने स्वार्थ की ही हाँकते रहना |
अपना-सा मुँह लेकर रह जाना–लज्ज़ित मानना |
अपनी खिच्ड़ी अलग पकाना–मिलकर न रहना |
अपने पाँव पर आप कुल्हाड़ी मारना–अपनी हानी स्वयं कर लेना |
अपने पैरों पर खड़े होना–आत्मनिर्भर होना या स्वावलंबी होना |
अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना–अपनी प्रशंसा स्वयं ही करना |
अरमान निकालना–इच्छा पूरी करना |
आँख नीची होना–हानी मान लेना या लज्ज़ित होना |
आँख भर देखना–मन भर कर देख लेना |
आँख मिलाना–एक-दूसरे को देख लेना |
आँख मूँद कर विश्वास करना–बिना सोचे-समझे भरोसा करना |
आँखे खुलना–होश में आना या समझ जाना |
आँखे फेरना–परवाह न करना |
आँखें उठाना–बुरे भाव से देखना |
आँखें खुलना–होश आना |
आँखें चार होना–एक-दूसरे से सामना होना |
आँखें चुराना–बचना |
आँखें ठड़ी होना–शांति या प्रशंसा मिल जाना |
आँखें तरसना–किसी को देखने की तीव्र इच्छा पैदा होना |
आँखें दिखाना–क्रोध दिखाना |
आँखें पथरा जाना–राह देखते-देखते थकना |
आँखें बिछाना–बहुत आदर-सम्मान देना |
आँखो से गिरना–सम्मान कम हो जाना |
आँखों का तारा–बहुत ही प्यारा होना |
आँखों पर पर्दा पड़ना–अक्ल मारी जाना |
आँखों में खटकना–बुरा लगना |
आँखों में ज्वाला निकलना–अत्यंत क्रोधित होना |
आँखों में धूल झोंकना–धोखा करना |
आँखों में मेघमाला घिर आना–आँखों में आँसु भर आना |
आँच न आने देना–हानी होने से बचना |
आँचल पसारना–प्रार्थना करना |
आँसू बहाना–रोने लग जाना |
आँसू पोंछना–धीरज दिलाना |
आकाश से बातें करना–ऊँचा मान लेना |
आकाश-पाताल एक करना–बहुत परिश्रम करना |
आकाश-पाताल का अंतर–बहुत अधिक अंतर होना |
आग लगाना–चुगली कर देना |
आग-बबूला होना–अत्यंत क्रोधित हो जाना |
आड़े हाथों लेना–खरी-खरी सुना देना |
आपे से बाहर होना–गुस्सा करना |
आसमान पर चढ़ना–बहुत अभिमानी हो जाना |
आसमान पर थूकना–निर्दोष पर दोष लगाना |
आसमान सिर पर उठाना–बहुत शोर खड़ा करना |
आस्तीन का साँप–मित्रता में कपट होना |
इधर-उधर की हाँकना — व्यर्थ में गप्पें लगाना |
ईंट का जवाब पत्थर से देना–सख्त जवाब देना |
ईंट से ईंट बजाना — नष्ट कर देना |
ईट का जवाब पत्थर से देना — दुष्ट का बढ़-चढ़कर जवाब देना |
ईद का चाँद होना — बहुत दिनों के बाद दिखाई देना |
ईश्वर को प्यारा होना — मृत्यु हो जाना |
उँगली उठाना — दोष निकालना शुरू करना |
उँगली पर नचाना — अपने वश में कर लेना |
उठा न रखना — कोई कमी न छोड़ना |
उड़ती चिड़िया पहचानना — अनुभव अधिक होना |
उतार-चढ़ाव देखना–अनुभवी होना |
उन्नीस-बीस का अंतर होना — बहुत कम अंतर होना |
उल्टी गंगा बहना — विपरीत काम करना |
उल्टी पट्टी पढ़ान–बहकाना |
उल्लू बनाना — मूर्ख बनाना |
ऊँट के मुँह में जीरा — अधिक जरूरत वाले को कम खाने को देना |
एक आँख से देखना–एक समान समझना |
एक और एक ग्यारह होना–संगठन में शक्ति होना |
ओखली में सिर देना — पता होने पर भी आपत्ति मोल लेना |
कंचन बरसना — बड़ा लाभ पर लाभ होना |
कंठ का हार होना–बहुत प्रिय होना |
कंधे से कंधा मिलाना–पूरा सहयोग देना |
कटे पर नमक छिड़कना — दुखी व्यक्ति को और अधिक दुखी करना |
कठपुतली बनना — किसी के इशारों पर चलना |
कफन बाँधकर चलना — मौत से न ड़रना |
कमर कसना — तैयार हो जाना |
कमर टूटना — निराशा से भर जाना |
कमर बाँधना — तैयार हो जाना |
कलई खुलना — भेद खुल जाना |
कलम तोड़ना — सुंदर लिखने में कमाल करना |
कलेजा ठंड़ा होना — संतोष मानना |
कलेजा फटना — बहुत दुख होना |
कलेजा मुँह को आना — बहुत दुखी हो जाना |
कलेजे पर साँप लेटना — ईर्ष्या में जलना |
कहर बरपाना — अधिक कष्ट देना |
काँटे बिछाना — काम में बाधा डालना |
कान कतरना — आगे-बढ़कर काम कर जाना |
कान काटना — बहुत चुस्त-चालाक होना |
कान पकना–सुनते सुनते तंग आ जना |
कान पर जूँ न रेंगना — कोई असर न होना |
कान भरना — चुगली करना |
काम आना — युद्ध में मारे जाना |
काया-पलट होना — बिलकुल ही बदल जाना |
काला अक्षर भैंस बराबर–अनपढ़ |
कीचड़ उछालना — दूसरों का निरादर करना |
कोर दबना — लिहाज़ करना |
कोरा जवाब देना — साफ़ इनकार कर देना |
कोल्हू का बैल — दिन-रात काम में मग्न रहना |
खटाई में पड़ना — निर्णय न होना |
खबर लेना — सज़ा देना |
खरी-खरी सुनाना — सच्ची बात कह देना |
खरी-खोटी सुनाना — बुरे बचन कह देना |
खाक छानना — काम के बिना मारे मारे फिरना |
खाक में मिलाना — नुकसान करना |
खिल्ली उड़ाना–हँसी उड़ाना |
खिसक जाना — चुपचाप चले जाना |
खून का घूँट पा कर रह जाना — गुस्सा पी जाना |
खून का प्यासा होना — जान लेने पर उतारू हो जाना |
खून का लावे में बदलना — अत्यंत उत्तेजित हो जाना |
खून खौलना — अत्यंत क्रोध करना |
खून-पसीना एक करना–बहुत मेहनत करना |
गंगा नहाना — बड़ा कार्य पुरा करने में सफल होना |
गड़ जाना — लज्जा मानना |
गड़े मुर्दे उखाड़ना — बीती बातों को दुहराना |
गद्गद् होना — अत्यंत प्रसन्नता मनाना |
गरदन पर सवार होना — पीछे पड़ जाना |
गाँठ बाँधना — अच्छी तरह याद रखना |
गागर में सागर भरना — संक्षिप्त में बहुत कुच्छ कह देना |
गाल बजाना — डींग हाँकना |
गिरगिट की तरह रंग बदलना — बार-बार बचन से फिर जाना |
गुड़ गोबर होना — बात में बिगाड़ आ जाना |
गुदड़ी का लाल — गुणी व्यक्ति का सामान्य स्थान पर बैठे होना |
गुलछर्रे उड़ाना–मौज उड़ाना |
गुस्सा पीना–क्रोध को रोकना |
गोबर गणेश होना — मूर्ख होना |
घड़ों पानी पड़ना — बहुत लज्जित अनुभव करना |
घर फूँक तमाशा देखना — नुक्सान करके भी मस्ती में रहना |
घर में गंगा बहना — आसानी होना |
घाट-घाट का पानी पीना — दूर-देश का अनुभव प्राप्त होना |
घाव पर नमक छिड़कना — किसी दुखी को अधिक दुखी करना |
घाव हरा होना — भूला हुआ दुख याद आ जाना |
घी के दीये जलाना — अधिक खुशी मनाना |
घुटने टेकना — हार मान लेना |
घोड़े बेचकर सोना — गहरी नींद में सोना |
चंगुल में फँसना–पूरी तरह किसी के वश में होना |
चपेट में आना — प्रभावित हो जाना |
चल बसना — परलोक गमन होना |
चाँद पर थूकना — निर्दोष को दोषी ठहराना |
चादर के बाहर पैर पसारना — आय से अधिक व्यय करना |
चार चाँद लगना — प्रतिष्ठा में वृद्धि होना |
चिकना घड़ा — निर्लज्ज व्यक्ति |
चिराग लेकर ढूँढ़ना — परिश्रम से मिलना |
चुल्लू भऱ पानी में डूब मरना — शर्म न सह सकना |
चूड़ियाँ पहनना — कायरता दिखाना |
चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना — डर जाना |
चेहरे हरे होना — प्रसन्नता मनाना |
चैन की बंसी बजाना — सुख से जीवन बीताना |
चौकड़ी भूलना — मौज-मस्ती भूल जाना |
छक्के छुड़ाना — हरा कर भगा देना |
छटी का दूध याद आना–कड़ी मेहनत करना |
छठी का दूध याद आना — संकट में घिर जाना |
छत्र-छाया में रहना — किसी का आश्रय में रहना |
छप्पर फाड़ के देना–बिना परिश्रम के देना |
छाती पर पत्थर रखना — चुपके से आपत्ति को सहन करना |
छाती पर मूँग दलना — जानते हुए दुख देते रहना |
छाती पर साँप लेटना — ईर्ष्या से भरा होना |
छुपा रुस्तम — साधारण व्यक्ति का गुणों से भरे होना |
ज़मीन आसमान एक कर देना — अत्यंत मेहनत करना |
ज़मीन पर पैर न पड़ना — बहुत घंमड़ी होना |
जलती आग में घी डालना–क्रोध को और भड़काना |
जले पर नमक छिड़कना — दुखी व्यक्ति को और दुखी करना |
ज़हर उगलना — ईर्ष्यापूर्ण व्यवहार करना |
ज़हर का घूँट पीना — अपमान सहन कर लेना |
जान के लाले पड़ना — विपत्ति में फँस जाना |
जान पर खेलना — जोखिम मोल लेना |
जूतीयाँ चटकाना — बेकार इधर-उधर घूमते फिरना |
झक मारना — व्यर्थ में समय नष्ट करना |
टका-सा जवाब देना — स़ाफ इंकार करना |
टस से मस नो होना — अड़िग रहना |
टाँग अड़ाना — काम में विघ्न डालना |
टेढ़ी खीर — मुष्किल काम |
टोपी उछालना — अपमान करना |
ठंडा पड़ जाना — मंदी आना, मर जाना |
ठगा सा रह जाना — आश्चर्यचकित होना |
ठन-ठन गोपाल — निर्धन होना |
ठिकाने आना — सहमती करना या ठीक स्थान पर आना |
ठिकाने लगाना — जला देना या द़फन कर देना |
ठोकरें खाना — बिनां काम के फिरना |
डंका बजना — प्रभाव बना रहना |
डंके की चोट पर कहना — विश्वास से सपष्ट बात करना |
डकार जाना–हड़प लेना |
डींग मारना, हाँकना — अपनी झूठी प्रशंसा आप करना |
डूब जाना — फँस जाना |
डूब मरना — बहुत शर्मिदां होना |
डूबती नाव बचाना–सहायता देकर उबारना |
ढाक के तीन पात — कभी कोई विशेष हालत न होना |
ढिंढोरा पीटना–सबसे कहते फिरना |
ढेर करना–मार गिराना |
तलवे चाटना — चापलूसी करते रहना |
ताँता बँधना — लाइन लगाना |
ताक में रहना — मौके की तलाश में रहना |
तारे गिनना — बहुत प्रतीक्षा करना |
तारे तोड़ लाना — बड़ा काम कर दिखाना |
तिल का ताड़ बनाना — छोटी बात को बड़ी बनाकर प्रस्तुत करना |
तीन-पाँच करना–टालमटोल करना |
तूती बोलना — बहुत प्रभाव वाला होना |
तेली का बैल होना — काम में व्यस्त रहना |
त्राही-त्राही मचना — संकट में परेशान होना |
थप्पड़-सा लगना — अचानक असर पढ़ना |
थर-थर काँपना — बहुत डर लगना |
थाली का बैंगन — सिद्धांत रहित व्यक्ति |
थूककर चाटना — वचन पर टिके न रहना |
थू-थू करना — बेइज़्ज़ती करना |
दंग रह जाना — आश्चर्य से उलझ जाना |
दम घुटना — साँस लेने में कठिनाई महसूस करना |
दम तोड़ना — मर जाना |
दम भरना — अभिमान से कहना |
दम मारने की भी फुरसत न होना — समय की कमी होना |
दम में दम आना — मन में शांति प्राप्त होना |
दर-दर भटकना — जगह-जगह पर फिरते रहना |
दवे पाँव निकल जाना — चुपचाप बच निकलना |
दाँत काटी रोटी होना — घनिष्ठ मित्रता होना |
दाँत खट्टे करना — हरा देना, नीचा दिखाना |
दाँत तोड़ना — बुरी तरह पीट देना |
दाँतों तले उँगली दबाना — हैरान रह जाना |
दाँतों में जीभ होना — चारों ओर विरोधियों से घिरे रहना |
दाई से पेट छिपाना — जानकार से ही छिपाने की कोशिश करना |
दाग लगाना — कलंक लगा देना |
दाने-दाने को मोहताज़ होना — भूख से मरते रहना |
दाल न गलना — जोर न चलना |
दाल में काला होना — संदेह होना |
दाल-भात में मूसलचंद — व्यर्थ में दखल देने लगना |
दाहिना हाथ होना — पक्का सहायक होना |
दिन दूनी रात चौगनी उन्नति करना — तेजी से उन्नति करना |
दिन फिरना — भाग्य जाग जाना |
दिमाग खरोंचना — बहुत दिमाग लड़ाना |
दिमाग चाटना — बिना मतलब के बोलकर परेशान करना |
दिल को छूना — किसीको प्रभावित कर देना |
दिल न पसीजना — सहानुभूति न होना |
दीपक तले अँधेरा — अच्छे स्थान के नज़दीक ही अपराध का पनपना |
दुम दबाकर भागना — डर से भाग जाना |
दूज का चाँद होना — बहुत साफ दिखाई न देना |
दूर की बात कहना–बड़ी सूझ की बात कहना |
दो टूक जवाब देना — साफ़-साफ़ जवाब दे देना |
दो दिन का मेहमान — अतिंम समय नज़दीक होना |
दो नावों पर सवार होना — किसी का भी न रहना |
दौड़-धूप करना — बहुत परिश्रम करना |
धज्जियाँ उड़ाना — दुर्गति कर देना |
धता बताना–चलता करना या टाल देना |
धरती पर पाँव न पड़ना — अभिमानी हो जाना |
धाक जमाना — प्रभावित करना |
धूप में बाल सफ़ेद ना करना — बहुत अनुभवी होना |
नमक मिर्च लगाना–किसी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना |
नमक हलाल होना — किसी के कृतज्ञ होना |
नमक-मिर्च लगाना — छोटी सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना |
नया गुल खिलाना–नया बखेड़ा उठाना |
नाक कटना — इज़्ज़त चली जाना |
नाक काटना — इज़्ज़त उतार देना |
नाक पर मक्खी न बैठने देना — गलती से बचने का प्रयास करना |
नाक में दम करना — बहुत तंग करना |
नाक में नकेल डालना — वश में कर लेना |
नाक रख लेना — इज़्ज़त बचा लेना |
नाक रगड़ना — मिन्नतें करना |
नाक-भौं चढ़ाना — घृणा प्रकट कर देना |
नानी याद आ जाना — होश ठिकाने आ जाना |
नाम कमाना — यश कमा लेना |
निठल्ला बैठना — बिना काम के पड़े रहना |
निन्यानवे के फेर में पड़ना — धन के लालच में फँस जाना |
नींद हराम होना — परेशान होते रहना |
नींव का पत्थर होना — सहायता में मुखी होना |
नींव डालना — आधार खड़ा कर देना |
नीचा दिखाना — घमंड तोड़ देना |
नौ-दो ग्यारह होना — स्थान छोड़ भाग जाना |
पगड़ी उतारना — अपमानित करना |
पछाड़ देना — किसी को हरा देना |
पट्टी पढ़ाना — कोई बुरी सलाह दे देना |
पत्थर का कलेजा होना — कठोर ह्रदय का होना |
पत्थर की लकीर होना — अटल और पक्का होना |
पर निकलना — थोड़ा पा कर घमंड करना |
पराई आग में कूदना — किसी दूसरे की विपत्ति अपने उपर ले लेना |
पहाड़ टूट पड़ना — बड़ी विपत्ति में फंसना |
पाँचों अँगुलियाँ घी में होना — लाभ पर लाभ होना |
पाँव उखड़ जाना — हारकर भाग खड़े होना |
पाँव ज़मीन पर न पड़ना — बहुत खुशी होना |
पाँव में शनीचर होना — एक स्थान पर टिके न रहना |
पानी फेरना — किया कराया समाप्त कर देना |
पानी-पानी होना — बहुत लज़्ज़ित होना |
पापड़ बेलना — कष्ट से जीवन चला पाना |
पारा उतरना — गुस्सा ठंड़ा होना |
पाला पड़ना — किसी तगड़े से वास्ता पड़ जाना |
पीठ दिखाना — हारकर पीछे हटना |
पेट में चूहे दौड़ना — बहुत भूख लगना |
पेट में दाढ़ी होना — अधिक चालाक होना |
पैरों तले से ज़मीन निकल जाना — होश उड़ना |
पोल खोलना — भेद खोल देना |
पौ बारह होना — खुब मस्ती करना |
प्राण काँपना — बहुत डर के मारे काँपना |
प्राण हथेली पर लिए फिरना — जान की परवाह न करना |
फलना-फूलना — उन्नति के राह पर होना |
फूँक से पहाड़ उड़ाना — असंभव काम करने की चेष्टा करना |
फूँक-फूँक कर कदम रखना — सोच समझ कर कार्य में आगे बढ़ना |
फूटी आँख न सुहाना — बिलकुल अच्छा न लगना |
फूला न समाना — खुशी से झूमना |
बगलें झाँकना — उत्तर न दे सकना |
बगुला भगत — कपट भरा व्यक्ति |
बट्टा लगाना — कलंकित कर देना |
बरस पड़ना — क्रोध करना |
बल्लियों उछलना — बहुत खुशीयां प्रकट करना |
बहती गंगा में हाथ धोना — समय अनुसार लाभ उठा लेना |
बाँछे खिल जाना — प्रसन्न होना |
बाएँ हाथ का खेल होना — आसानी से करने में समर्थ होना |
बाग-बाग होना — बहुत प्रसन्न होना |
बाज़ी मारना — कामयाबी से आगे निकलना |
बाट जोहना — किसी की प्रतिक्षा करना |
बात का धनी होना — बचन का पक्का होना |
बात का बतंगड़ बना डालना — छोटी बात को बड़ा देना |
बात-बात में तीर कमान हो जाना — लड़ाई के लिए तैयार रहना |
बाल की खाल उतारना — निर्रथक आलोचना में पड़ना |
बाल बाँका ना होना–कुछ भी ना बिगड़ना |
बाल भी बाँका न होना — कुछ भी न बिगड़ पाना |
बाल-बाल बचना — बड़े संकट से बचना |
बीड़ा उठाना — जिमेवारी लेना |
भंडा फोड़ना — भेद खोल देना |
भट्टी में झोंकना — बर्बादी कर देना |
भाड़ झोंकना–निरर्थक श्रम करना |
भीगी बिल्ली बनना — भयभीत होकर रहना |
भूत सवार होना — हठी होना |
भौंह चढ़ाना — नाराज़ हो जाना |
मक्खियाँ मारना — बेकार बैठना |
मगज़ चाटना — व्यर्थ की बातों से परेशान करना |
मज़ा किरकिरा होना — खुशी समय विघ्न पड़ना |
मत मारी जाना — समझ में न आना |
मन खट्टा होना–पहले सी चाह या प्रीति ना रहना |
मन-ही-मन हँसना — मन में खुशी को प्रकट न करना |
माथा ठनकना — आशंका होना |
माथे पर बल पड़ना — गुस्सा हो जाना |
मारा-मारा फिरना — इधर-उधर भटकते फिरना |
मिट्टी का माधो — मूर्ख व्यक्ति |
मिट्टी के मोल बिकना — बहुत सस्ते मोल बिकना |
मिट्टी खराब करना — बुरी हालत कर देना |
मिट्टी में मिलना — बड़ा नुकसान हो जाना |
मीठी नींद सोना — निश्चिंत होकर सो जाना |
मुँह की खाना — बुरी तरह पिटना |
मुँह की बात छीन लेना — किसी के दिल की बात कह देना |
मुँह ख़ून लगना — किसी तरह की आदत पड़ जाना |
मुँह ताकना — किसी पर निर्भर होना |
मुँह दिखने लायक न रहना — शर्मिंदा होना |
मुँह पर कालिख लगाना — कलंक लगाना |
मुँह पर हवाइयाँ उड़ना — डर जाना |
मुँह फुलाना — नाराज़ होना |
मुँह में पानी भर आना — जी ललचाना |
मुँह लगाना — खुली छूट दे देना |
मुँहतोड़ उत्तर देना — बराबर का जवाब देना |
मुट्ठी गरम करना — रिश्वत देना |
मुट्ठी में होना — वश में होना |
मैदान मारना–युद्ध जीतना या विजय लाभ करना |
यमपुरी पहुँचाना — मार डालना |
रँगा सियार होना — धोखा देने वाला |
रंग में भंग पड़ना — खुशी में बाधा आ जाना |
रंग लाना — प्राप्ति होना |
रफूचक्कर होना — चंपत हो जाना |
राई का पहाड़ बनाना — छोटी बात को बड़ा बना देना |
रोंगटे खड़े हो जाना — भय से घबरा जाना |
रोड़ा अटकाना — बाधा बन कर खड़े होना |
लकीर का फकीर होना — पुरानी बातें न छोड़ना |
लबालब छलकना — अधिकता होना |
लहुलुहान हो जाना — बुरी तरह घायल हो जाना |
लहू का घूँट पीकर रह जाना — क्रोध को दबा कर बैठना |
लहू पसीना एक करना — बहुत मेहनत करना |
लाल-पीला होना — अधिक क्रोधित होना |
लू उतारना — बेइज़्ज़त कर देना |
लेने के देने पड़ना — लाभ के उलट हानी ले लेना |
लोट-पोट हो जाना — बहुत आनंदित होना |
लोहा मानना — किसी की ताकत अंदाज़ होना |
लोहा लेना — डट कर मुकाबला करना |
लोहे के चने चबाना — कठिन कार्य करना |
विष उगलना — विषैले वचन बोलना |
विष घोलना–द्वेष से संबंधों को दूषित करना |
शर्म से पानी-पानी होना — बहुत लज़्ज़ित होना |
शैतान के कान काटना–बहुत ही चतुर होना |
शौक फरमाना — उपयोग करना |
श्रीगणेश करना — कार्य आरंभ करना |
सठिया जाना — बुद्धि कमज़ोर पडना |
सड़क नापना — व्यर्थ में इधर-उधर घूमना |
सनसनी फैल जाना — भय के कारण हैरानी का महौल होना |
सब्ज़ बाग दिखाना — लालच देकर बहकाना |
साँप को दूध पिलाना — बुरे की सहायता करना |
साँप-छछूंदर की गति होना — दुविधा में पड़ जाना |
सिर उठाना — विद्रोह करना |
सिर खाना — तंग करते रहना |
सिर नीचा करना — बेइज़्ज़ती कर देना |
सिर पर आकाश उठा लेना — बहुत शोर करना |
सिर पर उठाना — बहुत शोर खड़ा करना |
सिर पर कफ़न बाँधना — मरने को तैयार होना |
सिर पर खून सवार होना — किसी की जान लेने के लिए तत्पर हो जाना |
सिर पर चढ़ना — प्यार के कारण मनमानी करना |
सिर पर पाँव रखकर भागना — डर के मारे भाग जाना |
सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना — कार्य के प्रारंभ में ही विघ्न पड़ जाना |
सिर से पानी गुज़क जाना — सहनशीलता की सीमा पार कर जाना |
सिर-आँखों पर बैठाना — बहुत सम्मान देना |
सुर अलापना — अपनी ही रट लगाते रहना |
सूरज को दीपक दिखाना — विद्वान व्यक्ति को कुछ समझाना |
सूरज पर थूकना — निर्दोषी को दोषी ठहराना |
सोने पर सुहागा होना — अच्छी चीज़ का और अच्छा होना |
सोलह आने मिथ्या — बिल्कुल असत्य |
हक्का-बक्का रह जाना — हैरान रह जाना |
हथियार डालना — पराजय स्वीकार करना |
हथेली पर सरसों जमाना — कठिन काम करने का प्रयास करना |
हरा-ही-हरा सूझना — अधिक सुख का आभस होना |
हवा का रुख पहचानना — परिस्थिति को समझ लेना |
हवा के घोड़े पर सवार होना — शीघ्रता की कोशिश करना |
हवा पलटना — समय बदल जाना |
हवा लगना — बुरी संगत का रंग चढ़ना |
हवा से बातें करना — तेज़ दौड़ना |
हवा हो जाना — स्थान से भाग जाना |
हवाई किले बनाना — बड़ी-बड़ी बातें बनाना |
हाथ को हाथ न सूझना — घने अँधेरे में होना |
हाथ धो बैठना — खो देन |
हाथ धोकर पीछे पड़ना — पीछा न छोड़ना |
हाथ ना आना — पकड़ से बाहर रहना |
हाथ पर हाथ रखकर बैठना — बेकार बैठे रहना |
हाथ फैलाना — सहायता मांगना |
हाथ मलना — पछताना |
हाथ साफ़ कर जाना — चुरा लेना |
हाथ-पाँव फूलना — भयभीत हो जाना |
हाथों-हाथ बिक जाना — बिकरी तेज़ होना |
हिम्मत टूटना — साहस समाप्त होना |
हुक्का-पानी बंद करना — अपनी जाती से बाहर कर देना |
होश उड़ जाना — एका एक घबरा जाना |
होश सँभालना — समझने के लायक हो जाना |