वाक्य में जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किया जाये उसे सर्वनाम कहा जाता है।
संज्ञा को बार बार प्रयोग में न लाया जाये इसके लिए सर्वनाम का प्रयोग आवश्यक है।
जैसे – राकेश ने कहा कि मैं आज कार्यलय नहीं जाऊँगा।
सैनिकों ने कहा कि हम वैरि को मार गिराने के लिए तैयार हैं।
इन वाक्यों में संज्ञा और सर्वनाम का प्रयोग इस प्रकार किया गया है –
वाक्य संज्ञा सर्वनाम
1. राकेश–मैं
2. सैनिकों–हम
सर्वनाम के भेद (Kinds of Pronouns)
हिन्दी में सर्वनाम के छह भेद हैं –
- पुरुषवाचक सर्वनाम
- निश्चयवाचक सर्वनाम
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- संबन्धवाचक सर्वनाम
- प्रशनवाचक सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम
1. पुरुषवाचक सर्वनाम – वाक्य में जो सर्वनाम बोलनेवाले, सुननेवाले अथवा किसी दूसरे व्यकित या प्राणी का बोध कराते हैं, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता है।
जैसे – रमा ने पुछा कि वह खाने पर किस दिन आ रही है।
अध्यापक ने बच्चों से पुछा कि तुमने पत्र लिख लिया या नहीं।
पुरुषवाचक सर्वनाम के पुरुष तीन प्रकार के होते हैं –
उत्तम पुरुष – जो सर्वनाम कहनेवाले के लिए प्रयुक्त किया जाए उसे उत्तम पुरुष कहते हैं । जैसे — मैं, हम ।
मध्यम पुरुष – जो सर्वनाम सुननेवाले के लिए प्रयुक्त किया जाए उसे मध्यम पुरुष कहते हैं। जैसे — तुम, तू, आप ।
अन्य पुरुष – जो सर्वनाम किसी व्यक्ति, प्राणी या वस्तु के विषय पर चल रही बात के स्थान पर प्रयुक्त हो उसे अन्य पुरुष कहते हैं। जैसे — वह, वे।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम – निकट अथवा दूर की किसी निश्चित वस्तु या प्राणी की ओर सङ्केत करनेवाले सर्वनाम को निश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता है।
जैसे – यह तितली है।
वह चोर है।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – जिसका सङ्केत अनिश्चित व्यकित या वस्तु की ओर हो, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता है।
जैसै – माता जी के पास कोई खड़ा है।
भिखारी कुछ माँग रहा है।
4. संबन्धवाचक सर्वनाम – किसी वाक्य में आये एक उपवाक्य की संज्ञा या सर्वनाम का दूसरे उपवाक्य से संबन्ध बताने वाले सर्वनाम को संबन्धवाचक सर्वनाम कहा जाता है।
जैसे – मुझे वह लड़का मिला था जिसका तुमसे झगड़ा हो रहा था।
तुम्हारी कलम मुझे मिल गई जो तुमने कल खो दी थी।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम – प्रश्न पूछने के लिए जो सर्वनाम प्रयुक्त होते हैं उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहा जाता है।
जैसे – तुम कहाँ से आये हो।
आपको किस व्यकिती से मिले थे।
6. निजवाचक सर्वनाम – जब कर्ता सर्वनाम का प्रयोग अपने लिये (स्वयं या अपने आप के अर्थ में) करे तो उसे निजवाचक सर्वनाम कहा जाता है।
जैसे – उसने स्वयं ही यह पत्र लिखा था।
मैं अपने आप दिल्ली गया था।
सर्वनाम में लिङ्ग – स्त्री और पुरुष दोनों में एक-से सर्वनाम प्रयुक्त होने के कारण सर्वनाम शब्दों के लिङ्ग रूप में कोई विकार नहीं पाया जाता।
पुल्लिङ्ग–मैं पत्र लिख रहा हूँ मैं पत्र लिख रही हूँ।
स्त्रीलिङ्ग–तुम गीत गा रहे हो। तुम गीत गा रही हो।
वह सो रहा है। वह सो रही है।
सर्वनाम में वचन –
वचन-परिवर्तन के अनुसार ही सर्वनाम के विकारी शब्द पैदा हो जाते हैं। इसके वचन इस प्रकार हैं –
वचन | उत्तम पुरुष | मध्यम पुरुष | अन्य पुरुष |
एकवचन | मैं | तू | वह |
बहुवचन | हम | तुम, आप | वे, आप |
याद रखने योग –
तुम और आप का प्रयोग भले ही एक व्यक्ति के लिये करें परन्तु यह बहुवचन की तरह ही प्रयुक्त हुआ प्रतीत होता है।
पत्नी ने पति से पुछा, “आप कहाँ गये थे ?”