बहुव्रीहि समास वो पद होता है जिसमें पूर्व तथा उत्तर पद दोनों ही गौण होते हैं। ये दोनों पद मिलकर जिस तीसरे पद की ओर इंगित करते हैं वही प्रधान होता है।
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बहुव्रीहि समास के 28 उदाहरण
अंशुमाली | जिसकी माला अंशु (किरणें) हैं | सूर्य |
अष्टाध्यायी | आठ अध्यायों वाला | पाणिनि का व्याकरण |
उदारह्रदय | जिसका हृदय उदार है | व्यक्ति विशेष |
कमलनयन | जिसके नयन कमल के समान हैं | विष्णु |
गगनचुंबी | गगन को चूमने वाला या वाली | |
गजानन | गज के समान आनन (मुख) वाला | गणेश |
गिरिधारी | गिरि (पर्वत) को धारण करने वाला | श्री कृष्ण |
घनश्याम | जो घन के समान श्याम है | श्री कृष्ण |
चक्रधर | चक्र धारण करने वाला | श्रीकृष्ण |
चतुर्भुज | जिसकी चार हैं भुजाएँ | विष्णु |
चतुर्मुख | जिसके चार मुख हैं | ब्रह्मा |
जितेंद्रिय | जीत ली हैं इंद्रियाँ जिसने, वह | |
तिरंगा | तीन रंगों वाला | भारत का राष्ट्रध्वज |
त्रिलोचन | जिसके तीन हैं लोचन (नेत्र) | शिव |
दशमुख | दश मुखों वाला | रावण |
दशानन | जिसके दश हैं आनन (मुख) | रावण |
दिगंबर | जिसका अंबर (वस्त्र) दिशाएँ हैं | शंकर |
नीलकंठ | नीले कंठ वाला | शिव |
पतझड़ | जिसमें झड़ते हैं पत्ते | विशेष ऋतु |
पतिव्रता | एक पति का व्रत लेने वाली | |
पीतांबर | जिसका अंबर (वस्त्र) पीला है | श्री कृष्ण |
बारहसिंगा | जिसके बारह सींग हैं | एक विशेष प्हिरकार का हिरण |
मंदबुद्धि (अल्पबुद्धि) | जिसकी बुद्धि मंद है | |
महात्मा | जिसकी आत्मा महान है | ऋषि, मुनि |
महेश | जो ईश महान है | शिव |
मेघनाद | जिसका नाद मेघ के समान है | रावण-पुत्र |
विषधर | विष को धारण करने वाला | साँप |
षडानन | जिसके षड् (छह) आनन (मुख) हैं | कार्तिकेय |