खेलों का हमारे जीवन में महत्व तथा स्थान हमें सहज ही समझ में आता है। यदि बच्चे खेलें-कूदें ना तो उनका जीवन नीरस सा हो जाये। इस बात पर आधारित, यह अनुच्छेद नीचे दिया गया है जिसको विद्यालयों में जाने वाले छात्र किसी भी प्रकार से प्रयोग में ला सकते हैं।
यदि आपके पास कोई टिप्पणी, सुझाव या प्रश्न हो तो अवश्य हमें लिखें।
___________________________________
खेलों का महत्तव
हमें बहुत से खेल पसंद होते हैं और हम बचपन से ही खेल खेलते आ रहे हैं। खेलों की दुनिआ में हमारा देश बहुत प्रगति कर रहा है और प्रतिदिन नए-नए खिलाड़ी देश का नाम रौशन कर रहे हैं। खेलों का बहुत महत्तव होता है और ये हमारी जीवन को प्रफुल्लित कर देते हैं। खेल हमारे शरीर को तंदरुस्त और फुर्तीला बनाते हैं। आज-कल बच्चे खेल खेलने की जगह मोबाइल या कंप्यूटर पर वीडियो गेम्स खेलते हैं जिससे उन्हें कई तरह की बिमारियों का सामना करना पड़ता है जैसे की सर-दर्द, मोटापा, आँखों की रौशनी कम होना, स्मरण शक्ति का दुर्बल होना इत्यादि। खेल खेलने से बच्चों को इन सभी बिमारियों से सरलता से छुटकारा मिल सकता है और वह फुर्तीले और तंदरुस्त बन सकते हैं। खेल हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेल हमें नई-नई चुनौतियों का सामना करना सिखाते हैं जिससे हमारा मनोबल दृढ़ होता है और हम किसी भी चुनौती का डट कर सामना कर सकते हैं। खेल हमारे हृदय में एकता और सामूहिक कार्य करने की भावना को पैदा करते हैं। खेल हमें त्याग, आत्मविश्वास और अनुशासन सिखाते हैं। खेलों से हमारे मन का तनाव दूर होता है और हमें शांति मिलती है। खेलों से हमारे शरीर में रक्तसंचार सदा बना रहता है जिससे हमारे सभी अंग सही काम करते रहते हैं। खेलों से हमारा मानसिक और शारीरिक विकास होता है। खेल हमें परिश्रम करने का महत्तव सिखाते हैं। इस लिए कहा जाता है कि: ”खेल- कूद है स्वास्थ्य का मूल, इनमे भाग लेकर बनाओ जीवन अनुकूल”।