नए फिनटेक प्लेटफॉर्म FypMoney ऍप को हाल ही में एंजेल इंवेस्टर्स से सीड फंडिंग के ज़रिए 2 मिलियन डॉलर मिले हैं। एंजेल इंवेस्टर्स- लिबराथा कल्लाट, मुकेश यादव और दिनेश नागपाल Fyp प्रोजेक्ट को लेकर बहुत आशावान हैं। इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व आईटीसी लिमिटेड के पूर्व फाइनेंस मैनेजर कपिल बनवारी कर रहे हैं।
पॉकेट पेमेंट टैक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड का उद्देश्य है कि टीनएजर्स के बीच डिजिटल मनी ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जाए। इसी के तहत कंपनी जून 2021 में खासतौर से टीनएजर्स के लिए बनाया गया Fypmoney ऍप लॉन्च करने जा रही है।
FypMoney के संस्थापक कपिल बनवारी ने कहा, “पैसा जुटाने के अपने पहले ही प्रजेंटेशन के बाद हमें फंडिंग मिल गई। इसे पाकर हम बहुत खुश हैं। इससे पता चलता है कि हमारे नए उत्पाद के आइडिया में ताकत है। हमारा नया उत्पाद टीनएजर्स श्रेणी में डिजिटल भुगतान की वर्तमान व्यवस्था को बदल देगा। सीड फंडिंग का इस्तेमाल उत्पाद के विकास, टीम तैयार करने और मार्केटिंग व विकास योजनाओं को लागू करने के लिए किया जाएगा। हम इस वित्तीय वर्ष के अंत तक एक मिलियन यूज़र्स तक पहुंचने का लक्ष्य बना रहे हैं। अगले तीन साल में 5 मिलियन यूज़र्स तक पहुंचने का लक्ष्य है। हम 5 मिलियन यूज़र्स के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस वर्ष के आखिर में एक बार फिर से निवेश जुटाएंगे। फिलहाल हम प्रोडेक्ट डेवलपमेंट स्टेज में हैं।”
एंजेल इंवेस्टर लिबराथा कल्लाट ने कहा, “हमें यह आइडिया पसंद आया क्योंकि इसे उस सेगमेंट के लिए बनाया गया है जिसे अभी तक पूरी तरह से टैप नहीं किया गया है और हमें इस सेगमेंट में बड़ी संभावनाएं नजर आ रही हैं। प्लेटफार्म से टीनएजर्स को पर्सनल फाइनेंस के पहलुओं को समझने में मदद मिलेगी। टीनएजर्स को उनका अकाउंट खोलने की सुविधा मिलने से यूज़र्स का नया सेगमेंट तैयार होगा और बाज़ार में नए अवसर पैदा होंगे। एक बार बाज़ार में इसकी पहुंच और इस्तेमाल के बारे में जानकारी मिल जाए तो हम प्लेटफार्म पर अतिरिक्त फीचर्स जोड़ने के लिए आगे भी निवेश करने की योजना बना रहे हैँ।”
इसकी मुख्य विशेषता है कि इसमें आसनी से ऑनलाइन प्रीपेड अकाउंट खोला जा सकता है और 3-5 मिनट में आसानी से ऑनलाइन केवाईसी हो जाता है। तुरंत वर्चुअल डेबिट कार्ड जारी किया जाता है और ऑफलाइन भुगतान के लिए फिजिकल कार्ड आर्डर हो सकता है। इसमें आसानी से यूपीआई ट्रांजेक्शन की भी सुविधा है।
कपिल ने उत्पाद के बारे में कहा, “भारतीय माता-पिता का ध्यान अपने बच्चों को सबसे अच्छी शिक्षा देने पर होता है और वे अक्सर वित्तीय शिक्षा और समझ की ज़रूरत पर ध्यान नहीं देते। FypMoney ऍप के ज़रिए हम इस अंतर को खत्म करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि माता-पिता अपने बच्चों को “वित्तीय साक्षरता”, पैसे की बचत, पैसे के प्रबंधन और वित्तीय अनुशासन के महत्व के बारे में समझाएं। इस कार्ड को खास तौर से टीनएजर्स की ज़रूतों के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है। इस कार्ड के आने के बाद अब टीनएजर्स को डिजिटल भुगतान करने के लिए अपने माता-पिता पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।”
भारत की 250 मिलियन आबादी 11 से 19 वर्ष के आयु वर्ग में है। अनुमान लगाया गया है कि 15 – 20% मोबाइल फोन यूज़र्स इसी आयु वर्ग से हैं और इनकी संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। इस तरह की सर्विस की हमेशा से ज़रूरत थी और कोविड के समय इसकी ज़रूरत और भी बढ़ गई है। पेरेंट कंपनी और इंवेस्टर्स इस आइडिया को लेकर बहुत उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इस उत्पाद के आने पर टीनएजर्स के पास अपना डेबिट कार्ड होगा और उन्हें ऑनलाइन या ऑफलाइन ट्रांजेक्शन के लिए अपने माता-पिता के कार्ड पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
Fyp Money ऍप का मानना है कि बाज़ार में हमेशा प्रतिस्पर्धा बनी रहती है, इसलिए Fyp Money ऍप को चार मुख्य आधारों पर विकसित किया जा रहा है, ये हैं – कमाई, समझदारी से खर्च करना, बचत और निवेश। इस उत्पाद को सभी वित्तीय पहलुओं को ध्यान में रख कर इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि टीनएजर्स को पूरी वित्तीय जानकारी मिल सके।